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सीधी जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों में अनियमितता,ठेकेदार की मनमानी से सड़कों की हालत खराब

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक पानी पहुंचाना है, लेकिन सीधी जिले में यह योजना ठेकेदारों की मनमानी का शिकार हो रही है। जिले के मझौली और चुरहट अंचल में पाइपलाइन बिछाने के काम के दौरान लापरवाही और अनियमितताओं के चलते सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है।

सड़क किनारे खुदाई और मिट्टी की लापरवाह पटाई

ठेका लेने वाली कंपनी ने मुख्य सड़कों के किनारे जेसीबी मशीनों से खुदाई कर पाइपलाइन बिछाने का काम किया। खुदाई के दौरान निकाली गई मिट्टी को व्यवस्थित तरीके से हटाने के बजाय सड़क पर ही छोड़ दिया गया। बाद में आनन-फानन में मिट्टी की पटाई कर दी गई, लेकिन यह काम मानकों के अनुरूप नहीं किया गया।

बारिश होने पर यह मिट्टी गड्ढों में बैठ जाती है और सड़क पर फिसलन बढ़ा देती है। विशेष रूप से दोपहिया वाहनों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय फिसलन के कारण दुर्घटनाओं का खतरा और भी बढ़ जाता है।

ग्राम पंचायतों की सड़कों को भी पहुंचा नुकसान

गांवों में जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने के काम में ठेकेदार द्वारा पंचायतों से अनुमति लेना भी जरूरी नहीं समझा गया। इसके चलते ग्राम पंचायतों के अंदर की सड़कों को भी तहस-नहस कर दिया गया है। जिन सड़कों को लाखों रुपये के बजट से बनाया गया था, वे अब पाइपलाइन बिछाने के काम के चलते क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

ठेकेदारों की मनमानी पर ग्रामीणों का गुस्सा

ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार के कर्मचारी स्थानीय लोगों की किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि जब पंचायत प्रतिनिधि उन्हें सही तरीके से काम करने की सलाह देते हैं, तो उनकी बात को भी अनसुना कर दिया जाता है। जल निगम के इंजीनियरों द्वारा साइट का निरीक्षण न करने की वजह से ठेकेदारों की मनमानी लगातार जारी है।

संविदाकार की जल्दबाजी से बढ़ रही समस्याएं

ठेकेदार जल्द से जल्द पाइपलाइन का काम पूरा करने की कोशिश में हैं, लेकिन इस दौरान सरकारी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंच रहा है। सड़क किनारे की पटरी को ठीक से व्यवस्थित किए बिना काम समाप्त कर दिया जा रहा है। इसका परिणाम यह है कि मुख्य सड़कें और गांवों की आंतरिक सड़कें दुर्घटनाओं के लिए खतरनाक बन गई हैं।

जल निगम और प्रशासन से कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों ने प्रशासन और जल निगम से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ठेकेदारों की मनमानी को रोकने के लिए सख्त निगरानी और नियमानुसार काम कराना बेहद जरूरी है। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो सरकारी संपत्ति को बड़ा नुकसान होगा और स्थानीय लोगों के लिए आवागमन मुश्किल हो जाएगा।

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जल जीवन मिशन का उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही इस योजना की सफलता में बाधा बन रही है। प्रशासन को तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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