मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक और धार्मिक शहर महेश्वर में आज मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक आयोजित की गई है। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें राज्य के 17 धार्मिक और पवित्र शहरों में शराबबंदी लागू करने पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सरकार के इस कदम को सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक अहम पहल के रूप में देखा जा रहा है।

धार्मिक शहरों में शराबबंदी की मांग क्यों
मध्य प्रदेश के कई धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने की मांग लंबे समय से की जा रही है। सामाजिक संगठनों, धार्मिक नेताओं और स्थानीय लोगों ने बार-बार सरकार से अपील की है कि इन स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए। उनका तर्क है कि इन स्थलों का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करना है, और शराब जैसे नशीले पदार्थों की उपस्थिति इस उद्देश्य को बाधित करती है।
किन शहरों में लागू हो सकती है शराबबंदी
सूत्रों के अनुसार, जिन 17 शहरों में शराबबंदी लागू करने पर विचार हो रहा है, उनमें उज्जैन, अमरकंटक, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, महेश्वर, ओरछा, मैहर और अन्य धार्मिक स्थल शामिल हैं। ये सभी शहर धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र हैं, जहां सालभर लाखों श्रद्धालु आते हैं। सरकार चाहती है कि इन स्थलों की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

सरकार का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले भी इस विषय पर सकारात्मक संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार का उद्देश्य है धार्मिक स्थलों को शराब मुक्त बनाकर उनकी पवित्रता को संरक्षित करना। सरकार इसे सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक कदम मानती है।
विपक्ष का रुख
जहां सरकार इस फैसले को सामाजिक सुधार की दृष्टि से देख रही है, वहीं विपक्ष ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए धार्मिक भावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि ऐसे फैसले केवल दिखावे के लिए किए जा रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहा।
महेश्वर में बैठक का महत्व
महेश्वर, जो नर्मदा नदी के तट पर स्थित है, अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह रानी अहिल्याबाई होल्कर का प्रमुख शासन केंद्र था और इसे आध्यात्मिक नगरी के रूप में पहचान मिली हुई है। कैबिनेट बैठक के लिए इस स्थान का चयन सरकार के धार्मिक और सांस्कृतिक एजेंडे को दर्शाता है।
अन्य मुद्दों पर भी होगी चर्चा
इस कैबिनेट बैठक में शराबबंदी के अलावा, राज्य के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और युवाओं के लिए नई योजनाओं को लागू करने पर जोर दिए जाने की संभावना है।
समाज पर असर
अगर सरकार 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू करने का फैसला करती है, तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा। यह न केवल धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि समाज में शराब के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
महेश्वर में आज होने वाली इस कैबिनेट बैठक से प्रदेशवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं। धार्मिक शहरों में शराबबंदी का निर्णय मध्य प्रदेश को एक नई दिशा में ले जा सकता है और यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला कदम साबित हो सकता है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी कैबिनेट इस मुद्दे पर क्या फैसला लेते हैं।
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