Homeमहाकुंभमहाकुंभ में भगदड़: प्रशासनिक लापरवाही या सुनियोजित साजिश?

महाकुंभ में भगदड़: प्रशासनिक लापरवाही या सुनियोजित साजिश?

मौनी अमावस्या स्नान से पहले संगम में मची भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हृदयविदारक घटना में अब तक 17 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। सवाल उठ रहा है कि यह महज एक हादसा था या इसके पीछे कोई साजिश थी?

हादसे की वजह: प्रशासन की लापरवाही?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ का मुख्य कारण प्रशासन की तैयारियों में कमी थी। संगम तट तक जाने और वहां से लौटने के लिए केवल एक ही रास्ता निर्धारित किया गया था, जिससे भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया।

एक श्रद्धालु ने बताया, “भीड़ बढ़ने के बावजूद प्रशासन ने वैकल्पिक रास्ते नहीं खोले। घबराहट में लोग इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई।”

कुछ लोगों का मानना है कि सुरक्षा कर्मियों ने समय पर नियंत्रण नहीं किया, जिससे हालात बिगड़ते चले गए।

क्या यह साजिश थी?

कुछ श्रद्धालुओं ने इस हादसे के पीछे साजिश की आशंका जताई है। कुशीनगर से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि “हम संगम जा रहे थे, तभी अचानक 10 लड़के बैरिकेडिंग कूदकर महिलाओं को धक्का देने लगे। इसके बाद भगदड़ मच गई। हमारे साथ 20 लोग थे, जिनमें से दो लापता हैं।”

अगर यह आरोप सही हैं, तो यह घटना प्रशासन की लापरवाही से कहीं अधिक गंभीर मामला हो सकता है।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

घटनास्थल पर मौजूद श्रद्धालुओं का कहना है कि हादसे के समय पुलिस और सुरक्षाकर्मी अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “पुलिस ने बैरिकेडिंग छोड़ दी, जिससे लोग बेकाबू होकर भागने लगे और भगदड़ मच गई।”

विपक्षी दलों ने इस हादसे को प्रशासनिक विफलता करार दिया है। कांग्रेस और सपा नेताओं ने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार को इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले से बेहतर योजना बनानी चाहिए थी।”

जांच और कार्रवाई की मांग

घटना के बाद कई नेताओं ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि “अगर यह प्रशासनिक लापरवाही थी, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर यह साजिश थी, तो दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।”

फिलहाल क्या स्थिति है?

महाकुंभ में हालात फिलहाल नियंत्रण में बताए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। बावजूद इसके, श्रद्धालुओं के मन में भय बना हुआ है।

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सरकार को चाहिए कि वह इस घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करे, ताकि आगे कोई अनहोनी न हो।

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