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मणिपुर में नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया तेज, राष्ट्रपति शासन की संभावना प्रबल

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में राज्य भाजपा प्रभारी संबित पात्रा ने पार्टी के कुछ विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक की।

नए मुख्यमंत्री के लिए संभावित नाम

भाजपा सूत्रों के अनुसार, बैठक में राज्य के नए मुख्यमंत्री के चयन पर चर्चा हुई। संभावित उम्मीदवारों में विधानसभा अध्यक्ष ठोकचोम सत्यब्रत सिंह और मंत्री युम्नम खेमचंद सिंह के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। वहीं, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भाजपा सरकार को समर्थन जारी रखने का ऐलान किया है, जिससे यह तय हो गया है कि नई सरकार में एनपीपी और जेडीयू जैसे सहयोगी दल भी शामिल होंगे।

संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ाई गई सुरक्षा

राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए राजधानी इम्फाल के जेंथोंग, सिंगजमेई, मोइरांगखोम, केइसमपट और कंगला गेट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उधर, मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे का स्वागत किया, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की किसी भी कोशिश का विरोध किया है।

राष्ट्रपति शासन की संभावना क्यों बढ़ रही है?

मणिपुर में भाजपा के पास नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए 12 फरवरी तक का समय है। अगर इस समयसीमा तक नया मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किया जाता है, तो नियमों के अनुसार विधानसभा को भंग कर दिया जाएगा, जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की स्थिति बन जाएगी

इसका मुख्य कारण यह है कि पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त 2024 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। यदि 12 फरवरी तक विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जाता है, तो संवैधानिक नियमों के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

एन. बीरेन सिंह को इस्तीफा क्यों देना पड़ा?

मणिपुर में 3 मई 2023 से जारी जातीय हिंसा ने राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा दिया था। इस हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई, जिसके लिए कुकी-जो समुदाय के नेताओं ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहराया।

इसके अलावा, भाजपा के भीतर ही असंतोष बढ़ रहा था। पार्टी के कई विधायकों ने अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय नेतृत्व से मुख्यमंत्री बदलने की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में भाजपा नेतृत्व ने बीरेन सिंह का समर्थन किया, लेकिन लगातार बढ़ते दबाव के कारण उन्हें अंततः इस्तीफा देना पड़ा।

क्या मणिपुर में स्थिरता लौटेगी?

मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि नया मुख्यमंत्री राज्य में शांति और स्थिरता बहाल कर पाएगा या नहीं। कुकी-जो समुदाय के नेताओं ने पहले ही राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर दी है, यह दावा करते हुए कि नया मुख्यमंत्री भी कोई बड़ा बदलाव नहीं ला सकेगा

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अब सभी की नजर भाजपा के फैसले पर टिकी है कि क्या पार्टी 12 फरवरी तक नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर पाती है या फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा

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