भोपाल। वक्फ संशोधन बिल के संसद में पारित होते ही मध्य प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है। राज्य में वक्फ के नाम दर्ज की गई 23,118 संपत्तियों में से 14,986 संपत्तियों की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो इन संपत्तियों के दावे और आपत्तियों की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा।
इन वक्फ संपत्तियों में रहवासी, व्यावसायिक और बेशकीमती भूखंड शामिल हैं, जिनकी अनुमानित कीमत खरबों रुपये में बताई जा रही है। यह पहली बार है जब वक्फ की संपत्तियों को लेकर इतनी व्यापक और गंभीर जांच की जा रही है। जांच के बाद सभी वैध संपत्तियों का सत्यापन कर उनका रिकॉर्ड डिजिटल पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा।
राजधानी भोपाल में इस दिशा में जांच कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। भोपाल के 80 गांवों में 756 संपत्तियों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है। अन्य जिलों में भी प्रशासन को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा था कि, “यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी, न्यायसंगत और जवाबदेह प्रबंधन को सुनिश्चित करेगा और इसका लाभ वास्तव में जरूरतमंद, गरीब और वंचित मुस्लिम समाज तक पहुंचेगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार के अवसरों का नया मार्ग प्रशस्त होगा।”
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प्रदेश सरकार का यह कदम न सिर्फ वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है, बल्कि इससे फर्जी दावों और अवैध कब्जों पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी। अब यह देखना होगा कि जिलों में प्रशासन जांच प्रक्रिया को कितनी तत्परता और निष्पक्षता से अंजाम देता है।