मुंबई में 26/11 के भीषण आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा आखिरकार भारत लाया जा रहा है। अमेरिका में कैद पाकिस्तानी मूल का यह कनाडाई नागरिक, अब भारत की जमीन पर कानून का सामना करेगा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और खुफिया एजेंसियों की विशेष टीम उसे लाने के लिए अमेरिका पहुंच चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, राणा को लेकर विशेष विमान अमेरिका से भारत के लिए रवाना हो चुका है। यह विमान बुधवार देर रात या गुरुवार तड़के भारत पहुंचेगा। ऑपरेशन के दौरान विमान एक अज्ञात स्थान पर थोड़ी देर के लिए रुकेगा। भारत पहुंचने के बाद राणा को NIA की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां एजेंसियां उसकी हिरासत की मांग करेंगी।
इस ऑपरेशन की निगरानी खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल कर रहे हैं। साथ ही, अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी इस पूरे मिशन पर बारीकी से नजर रख रही हैं। इसे एक उच्च सुरक्षा स्तर का ऑपरेशन माना जा रहा है।
गौरतलब है कि राणा लंबे समय से अमेरिका के लॉस एंजेलिस स्थित मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद था। उसने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसे हाल ही में न्यायमूर्ति ऐलेना कगन ने खारिज कर दिया। इसके बाद उसने एक और याचिका दाखिल की थी, जिसमें अपील को मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश करने की मांग की गई थी। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम रूप से उस अर्जी को भी खारिज कर दिया, जिससे उसके भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया।

सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी में ऑपरेशन
तहव्वुर राणा पर लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन से संबंध रखने और डेविड कोलमैन हेडली को भारत भेजने में मदद करने का गंभीर आरोप है। हेडली ने ही मुंबई हमलों से पहले भारत में रेकी की थी। जांच में सामने आया कि राणा नवंबर 2008 में दुबई के रास्ते खुद भी मुंबई आया था और पवई स्थित होटल रेनेसां में ठहर कर हमले की तैयारियों की समीक्षा की थी।
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भारत सरकार ने जून 2020 में राणा के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की थी। इसके बाद अमेरिका में कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई। अब करीब चार साल बाद भारत उसे न्याय के कटघरे में लाने जा रहा है।