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धोनी का धमाका: CSK को दिलाई जीत, फिर भी बोले – “मुझे POTM क्यों मिला?”

महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर साबित कर गए कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर-बल्लेबाज ने लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ अपनी विस्फोटक पारी से ना सिर्फ टीम को जीत दिलाई, बल्कि आईपीएल इतिहास में सबसे उम्रदराज “प्लेयर ऑफ द मैच” बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

धोनी ने सिर्फ 11 गेंदों में 26 रन ठोक डाले और इस छोटी लेकिन प्रभावशाली पारी की बदौलत CSK ने LSG को 5 विकेट से हराया। ये जीत टीम के लिए और भी खास रही क्योंकि चेन्नई लगातार 5 मैच हारने के बाद जीत की राह पर लौटी है।

6 साल बाद मिले अवॉर्ड पर धोनी ने खुद ही उठाए सवाल

2019 के बाद पहली बार “प्लेयर ऑफ द मैच” अवॉर्ड जीतने वाले धोनी ने पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में बेहद विनम्र अंदाज़ में कहा:

“कई और खिलाड़ी थे जिन्हें ये अवॉर्ड मिलना चाहिए था। मैं खुद सोच रहा था कि मुझे क्यों दिया गया? मुझे लगता है नूर अहमद ने शानदार गेंदबाज़ी की।”

धोनी ने मैच के टर्निंग पॉइंट्स पर बात करते हुए बताया कि नई गेंद से गेंदबाजी और बीच के ओवर्स में जडेजा और नूर अहमद की गेंदबाज़ी ने टीम की जीत की नींव रखी।

इस जीत के साथ धोनी ने प्रवीण तांबे का रिकॉर्ड तोड़ा, जो 43 साल 60 दिन की उम्र में प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। धोनी अब 43 साल 281 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं।

‘मैच जीतना अच्छा है’ – धोनी

लगातार हार के सिलसिले को तोड़ने पर धोनी ने कहा:

“मैच जीतना हमेशा अच्छा लगता है, खासकर जब आप टूर्नामेंट जैसे आईपीएल में खेल रहे होते हैं। हम पिछले कुछ मैचों में नतीजों से खुश नहीं थे। इस जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा और हम उन हिस्सों में सुधार कर सकेंगे, जहां ज़रूरत है।”

IPL में विकेटकीपिंग का एक और बड़ा रिकॉर्ड

इस मैच में धोनी ने एक और बड़ा मील का पत्थर छुआ। वे IPL में 200 विकेटकीपिंग डिसमिसल्स (कैच+स्टंपिंग) पूरे करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। यह रिकॉर्ड उनके करियर की निरंतरता और फुर्ती का प्रमाण है।

धोनी की हर पारी क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक इमोशनल मोमेंट होती है, और जब वो बल्ले से धमाका करें तो फिर क्या कहना। सोशल मीडिया पर उनके फैंस उन्हें “थाला” कहकर ट्रेंड करवा रहे हैं और उनकी इस पारी को “विंटेज धोनी” बता रहे हैं।

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एमएस धोनी ने न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि एक बार फिर अपने खेल और विनम्रता से क्रिकेट की आत्मा को ज़िंदा रखा। वे चाहे कप्तान हों या प्लेयर, मैदान पर उनका हर कदम प्रेरणा देता है। और शायद यही वजह है कि 43 की उम्र में भी वो उतने ही लोकप्रिय हैं, जितने अपने शुरुआती दिनों में थे

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