समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का हालिया बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीव्र चर्चा का विषय बन गया है। अंबेडकर जयंती के मौके पर सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने करणी सेना और सांप्रदायिक मुद्दों पर तीखे शब्दों में अपनी बात रखी।
अपने भाषण में सुमन ने कहा, “अगर हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजोगे, तो हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुसलमानों को बाबर की औलाद कहा जाता है, तो यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि कुछ लोग स्वयं किसके वंशज हैं।
करणी सेना को निशाने पर लेते हुए सुमन बोले, “हमने अब तक तीन सेनाएं सुनी थीं – थल सेना, वायु सेना और नौसेना। अब एक नई सेना पैदा हो गई है – करणी सेना। अगर तुम्हें देश की इतनी चिंता है, तो चीन से कब्जा छुड़ाओ, जो अरुणाचल को अपना हिस्सा बता रहा है।”

सपा सांसद रामजी लाल सुमन का बयान बना विवाद का कारण
रामजी लाल सुमन ने कहा कि यह लड़ाई अकेले उनकी नहीं, बल्कि PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब-जब देश की मिट्टी की बात आई है, तब-तब मुसलमानों ने भी उतनी ही मोहब्बत दिखाई है जितनी किसी और भारतीय ने।
गौरतलब है कि सुमन का यह बयान उस विवाद के बाद आया है जिसमें उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ बताते हुए कहा था कि उन्होंने ही बाबर को भारत पर आक्रमण का निमंत्रण दिया था। इस बयान के बाद से करणी सेना और कई हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
26 मार्च को करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता उनके आगरा स्थित आवास के बाहर इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने सांसद के घर में घुसने की कोशिश की और तोड़फोड़ भी की।
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फिलहाल, रामजी लाल सुमन अपने बयान पर अडिग हैं और उन्होंने करणी सेना को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि लोकतंत्र में डराने की राजनीति नहीं चलेगी। सपा नेतृत्व ने भी उनके बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।