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वाराणसी गैंगरेप केस में नया मोड़: वायरल वीडियो और चैट्स ने खड़े किए कई सवाल, SIT जांच शुरू

देशभर को झकझोर देने वाले वाराणसी गैंगरेप केस ने अब एक चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। जिस मामले को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, उसमें अब कुछ नए तथ्य सामने आए हैं जो पीड़िता के दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया है और फिलहाल किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।

क्या है मामला?

29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच एक युवती के साथ कथित तौर पर 23 युवकों द्वारा गैंगरेप किए जाने की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पीड़िता की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप था कि युवती को बंधक बनाकर अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया और शारीरिक शोषण किया गया। पूरे मामले ने तूल तब पकड़ा जब यह खबर सामने आई कि प्रधानमंत्री ने खुद वाराणसी पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

लेकिन अब क्या बदला?

17 अप्रैल को आरोपियों के परिजन और रिश्तेदार वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट पहुंचे और उन्होंने पीड़िता की कुछ तस्वीरें और वीडियो पेश किए, जो कथित तौर पर गैंगरेप के दौरान की हैं। उनका दावा है कि जिन तारीखों में गैंगरेप की बात कही गई है, उन्हीं दिनों में युवती सोशल मीडिया पर सक्रिय थी और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से वीडियो व तस्वीरें पोस्ट कर रही थी।

एक वीडियो 31 मार्च का बताया जा रहा है, जिसमें युवती वाराणसी के एक कॉन्टिनेंटल रेस्टोरेंट के पास दिखाई दे रही है—वहीं जगह जहां से कथित तौर पर वह ‘गायब’ हुई थी। वहीं, एक चैट का भी ज़िक्र किया गया है जिसमें युवती खुद एक आरोपी जाहिद को मिलने के लिए बुलाती नजर आ रही है। जाहिद उसी रेस्टोरेंट में काम करता था।

घाटों की तस्वीरें और इंस्टाग्राम ऐक्टिविटी

आरोपियों के परिवार का दावा है कि युवती ने घाटों पर घूमते हुए तस्वीरें शेयर कीं और यहां तक कि एक दोस्त के घर ईद की सेवई खाने भी गई थी। जबकि एफआईआर में कहा गया था कि युवती बदहवास हालत में थी और उसे लगातार एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा था।

SIT का गठन

इन सब नए तथ्यों के सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए SIT गठित की है। इस टीम में एक DCP, एक महिला IPS अधिकारी, एक ACP, सर्विलांस टीम, SOG टीम और एक वरिष्ठ जांच अधिकारी को शामिल किया गया है।

आगे क्या?

फिलहाल SIT इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है — पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस, सोशल मीडिया ऐक्टिविटी और आरोपियों के परिजनों द्वारा पेश की गई सामग्री की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि कोई भी निष्कर्ष जांच पूरी होने से पहले नहीं निकाला जाएगा।

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इस संवेदनशील केस में आए नए मोड़ों ने ना सिर्फ पुलिस प्रशासन बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जहां एक ओर न्याय की उम्मीद लिए पीड़िता का पक्ष है, वहीं दूसरी ओर सामने आए तथ्यों ने केस को उलझा दिया है। अब सबकी निगाहें SIT की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस पूरे मामले की सच्चाई सामने लाएगी।

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