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शाजापुर में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर हंगामा, युवती ने ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी को जड़ा थप्पड़

शाजापुर में प्रशासनिक टीम द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान भारी हंगामा हो गया। इस दौरान एक युवती ने ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की की और फिर सार्वजनिक रूप से उसे थप्पड़ मार दिया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

राजेश्वरी माता मंदिर परिसर में पहुंची थी टीम

यह घटना सोमवार की है, जब प्रशासन की संयुक्त टीम – जिसमें राजस्व विभाग, न्यायिक अमला और पुलिस बल शामिल थे – राजेश्वरी माता मंदिर परिसर में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। मंदिर प्रांगण में फल और फूल विक्रेताओं द्वारा अवैध रूप से लगाई गई गुमटियों को हटाने की कार्रवाई की जा रही थी।

कार्रवाई के दौरान स्थानीय दुकानदारों ने विरोध किया और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया। जब पुलिस कुछ दुकानदारों को थाने ले जाने लगी, तभी एक युवती अचानक उग्र हो गई। उसने पहले महिला पुलिसकर्मी का गला पकड़ा और फिर गुस्से में आकर उसे थप्पड़ जड़ दिया। इसके साथ ही युवती द्वारा अपशब्दों का भी प्रयोग किया गया।

संयमित रही पुलिस, शांति से संभाला माहौल

घटना के समय मौजूद महिला पुलिसकर्मी ने अनुशासन और संयम का परिचय दिया। उन्होंने किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई नहीं की और स्थिति को शांतिपूर्वक संभाला। पुलिस और प्रशासन की इस शांति-संयमपूर्ण भूमिका की सराहना की जा रही है।

व्यापारियों का विरोध, सुनाई अपनी पीड़ा

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि वे वर्षों से मंदिर परिसर में अस्थायी दुकानें लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। एक महिला विक्रेता ने कहा, “हम हर दिन 100-200 रुपये कमाकर बच्चों का पेट पालते हैं। हमारा कोई पक्का घर नहीं है और अब प्रशासन ने दुकानें हटा दीं और सामान फेंक दिया।” उनका आरोप है कि प्रशासन उन्हें हटाकर बड़े व्यापारियों को स्थान देना चाहता है।

प्रशासन का पक्ष: पहले से दी गई थी जानकारी

इस पूरे मामले पर शाजापुर के एसडीएम ने बताया कि जिन दुकानों को हटाया गया, उन्हें पहले ही वैकल्पिक स्थान आवंटित किया जा चुका था। लेकिन कुछ व्यापारियों ने मेला लगने के दौरान नई जगह पर अवैध रूप से दुकानें स्थापित कर ली थीं। ऐसे अतिक्रमणों को हटाना प्रशासन की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।

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शाजापुर की यह घटना ना सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान उत्पन्न सामाजिक तनाव को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली पुलिस को भी कई बार असहनीय स्थितियों का सामना करना पड़ता है। फिलहाल प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

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