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अशोकनगर में 35 वर्षीय शिक्षक ने 11वीं की छात्रा से की कोर्ट मैरिज, परिवार में नाराजगी

अशोकनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाले 35 वर्षीय शिक्षक ने अपनी ही छात्रा से विवाह कर लिया। छात्रा अभी हाल ही में बालिग हुई थी और 11वीं कक्षा की छात्रा है। शिक्षक द्वारा कोर्ट मैरिज किए जाने की खबर सामने आते ही छात्रा के परिजन स्तब्ध हैं और इस घटना को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

स्कूल से शुरू हुआ संपर्क

मामले की जानकारी के अनुसार, छात्रा एक निजी स्कूल में पढ़ती थी जहाँ विनीत जैन नामक शिक्षक की तैनाती थी। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच स्कूल के दौरान ही बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ जो धीरे-धीरे नज़दीकियों में बदल गया। परिजनों का दावा है कि शिक्षक ने अपनी स्थिति और उम्र का फायदा उठाते हुए छात्रा को प्रभावित किया और जैसे ही वह बालिग हुई, उसे घर से भगाकर कोर्ट मैरिज कर ली।

परिजनों की आपत्ति और नाराजगी

छात्रा की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर शिक्षक ही इस तरह की हरकत करेंगे तो हम अपनी बेटियों को स्कूल कैसे भेजेंगे? हमने अपनी बेटी को पढ़ने भेजा था, लेकिन जिस पर भरोसा किया, उसी ने भरोसे को तोड़ा।” छात्रा के पिता ने भी शिक्षक पर पहले से नज़र रखे जाने की बात कही और बताया कि उन्होंने पहले भी शिक्षक को आगाह किया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

छात्रा के बालिग होने के कारण यह विवाह कानूनन मान्य माना जा सकता है। हालांकि, नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से इस घटना पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षकों को अपने पेशे की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और छात्र-शिक्षक संबंधों की मर्यादा का पालन करना चाहिए।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मामला संज्ञान में है और परिवार द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है। कुछ स्थानीय संगठनों ने भी इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता जताई है और शिक्षण संस्थानों में आचार संहिता को और सख्ती से लागू करने की मांग की है।

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यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक मामला नहीं है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक बहस का विषय भी है। शिक्षक और छात्र के बीच एक मर्यादित रिश्ता समाज के लिए आदर्श होता है, और जब यही रिश्ता सवालों के घेरे में आता है, तो शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों की बुनियाद पर भी असर पड़ता है।

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