मध्यप्रदेश में सड़क हादसों की दिल दहला देने वाली घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को शहडोल जिले के देवलौंद थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे ने एक और परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। बारातियों से भरी एक पिकअप वाहन पलटने से 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 24 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यह हादसा करौंदिया-गड़ा रोड पर उस समय हुआ जब बैगा समुदाय की बारात देवलौंद के करौंदिया गांव से लौट रही थी। बारात बहेरा डोल के मझौली से आई थी और लौटते समय रास्ते में एक बाइक से पिकअप की टक्कर हो गई। टक्कर के बाद अनियंत्रित पिकअप वाहन सड़क से पलट गई, जिससे सवार बारातियों में चीख-पुकार मच गई।
स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर देवलौंद थाना पुलिस पहुंची और घायलों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। मृतकों में रामभान बैगा, गोरेलाल बैगा, शिवपूजन बैगा और रामलाल बैगा की पहचान हो चुकी है। वहीं, हादसे में टकराने वाली बाइक पर सवार पति-पत्नी भी घायल हुए हैं।
जैसे ही हादसे की जानकारी जिला प्रशासन को मिली, कलेक्टर डॉ. केदार सिंह और एसपी रामजी श्रीवास्तव घटनास्थल पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की।

इसी दिन रायसेन जिले में भी एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें शादी समारोह से लौट रहा वाहन पुलिया से टकराकर खाई में गिर गया। इस दुर्घटना में भी 6 लोगों की मौत हो गई और दूल्हा-दुल्हन सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
इन लगातार हो रहे हादसों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शहडोल, रायसेन और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हुई दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले सभी नागरिकों के परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से ₹2-2 लाख की सहायता राशि और गंभीर घायलों को ₹50-50 हजार देने के निर्देश दिए हैं।
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इन हादसों ने एक बार फिर राज्य की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज रफ्तार, थकान और सावधानी की कमी जैसी वजहें लगातार जानलेवा साबित हो रही हैं। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन, परिवहन विभाग और आम नागरिक इस दिशा में गंभीरता से पहल करें, ताकि भविष्य में ऐसी हृदयविदारक घटनाओं से बचा जा सके।
सड़क पर जरा सी लापरवाही न सिर्फ एक जीवन, बल्कि पूरे परिवार को गम में डुबो सकती है। ऐसे हादसे एक चेतावनी हैं कि अब जागरूकता और नियमों का पालन हर किसी की प्राथमिकता होनी चाहिए।