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सरकारी विज्ञापनों पर 97 करोड़ खर्च: मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस, AAP पर नियमों के उल्लंघन का आरोप

नई दिल्ली | 3 मई 2025 — आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार एक बार फिर विवादों में है। कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी दी है। आरोप है कि सिसोदिया ने सरकारी पैसे से पार्टी प्रचार से जुड़े विज्ञापन चलवाए, जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ हैं।

क्या है मामला?

कांग्रेस नेता अजय माकन ने CCRGA (Central Committee for Regulation of Government Advertising) को शिकायत दी थी कि दिल्ली सरकार ने ऐसे विज्ञापन जारी किए जो पार्टी प्रचार जैसे थे। CCRGA की जांच में सामने आया कि 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद, दिल्ली सरकार ने 97.14 करोड़ रुपये ऐसे विज्ञापनों पर खर्च किए जो AAP के प्रचार माने जा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन क्या कहती है

मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि सरकारी पैसों से कोई भी ऐसा विज्ञापन नहीं चलाया जा सकता जो किसी व्यक्ति, पार्टी या नेता का प्रचार करे। इसके लिए केंद्र सरकार ने CCRGA कमेटी गठित की, जो विज्ञापनों की निगरानी करती है और सुनिश्चित करती है कि जनहित और सूचना परक विज्ञापनों में राजनीतिक प्रचार न हो।

विवादित भुगतान की हकीकत

  • कुल खर्च: ₹97.14 करोड़
  • विज्ञापन एजेंसियों को भुगतान: ₹42.26 करोड़
  • बाकी राशि: ₹54.87 करोड़
  • इसके बावजूद DIP (दिल्ली सूचना एवं प्रचार विभाग) ने और ₹47 करोड़ जारी कर दिए।

उपराज्यपाल का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने सरकारी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर यह भुगतान कराया।

उपराज्यपाल का निर्देश

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने:

  • AAP से पूरी राशि वसूलने का आदेश दिया।
  • सभी विभागों को वित्तीय नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए।
  • मनीष सिसोदिया के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की अनुमति दी।

AAP की प्रतिक्रिया: राजनीतिक साजिश

AAP ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि:

“यह पूरा मामला बदले की राजनीति है। बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए झूठे केस बनाकर हमें डराने की कोशिश की जा रही है। हम ED और CBI की धमकियों से नहीं डरते।”

AAP ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केस दिल्ली शराब नीति घोटाले से अलग है, जिसमें सिसोदिया को अगस्त 2024 में जमानत मिल चुकी है।

राजनीतिक तापमान बढ़ा

यह नया विवाद दिल्ली की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहा है। एक ओर जहाँ सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर AAP इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है।

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मनीष सिसोदिया के खिलाफ यह नया मामला आने वाले समय में दिल्ली की राजनीति और AAP की साख पर बड़ा असर डाल सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कोर्ट में मामला किस दिशा में जाता है और CCRGA की सिफारिशों पर क्या ठोस कार्रवाई होती है।

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