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मध्यप्रदेश के पांच बड़े शहरों में युद्ध जैसी तैयारी,देशभर में मॉक ड्रिल

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार ने नागरिक सुरक्षा के मोर्चे पर बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में कल एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस व्यापक अभ्यास का उद्देश्य युद्ध या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवस्थाओं की तैयारियों का आकलन करना है।

एमपी के पांच जिलों में होगा युद्ध जैसी स्थिति का अभ्यास

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मॉक ड्रिल को लेकर विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए राज्य के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी जिलों में विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे ड्रिल के दौरान जनता में घबराहट न फैले इस बात का विशेष ध्यान रखें और स्थानीय मीडिया के माध्यम से पूर्व सूचना दी जाए।

मॉक ड्रिल की मुख्य गतिविधियाँ

गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए गाइडलाइन्स के अनुसार, मॉक ड्रिल के तहत विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शाम 4 बजे से निम्नलिखित गतिविधियाँ की जाएंगी:

  1. सायरन बजाकर खतरे की सूचना देना — शहरों में युद्ध जैसी आपात स्थिति की चेतावनी सायरन के माध्यम से दी जाएगी।
  2. ब्लैकआउट अभ्यास — बिजली सप्लाई को अस्थायी रूप से बंद कर यह जांचा जाएगा कि अंधेरे में बचाव कार्य कैसे किया जा सकता है।
  3. महत्वपूर्ण अधोसंरचनाओं की सुरक्षा — रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, अस्पताल और जल विद्युत संयंत्रों जैसी सुविधाओं की सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाएगा।
  4. घायलों को निकालने और प्राथमिक उपचार देने की प्रक्रिया — काल्पनिक हमलों या दुर्घटनाओं के दौरान घायल हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और चिकित्सा सहायता देने का अभ्यास किया जाएगा।
  5. जनसमूह प्रबंधन और रेस्क्यू ऑपरेशन — भीड़ नियंत्रण और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की दक्षता की जांच की जाएगी।

सार्वजनिक भागीदारी और चेतावनी

सरकार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभ्यास के दौरान घबराएं नहीं और प्रशासन का सहयोग करें। मॉक ड्रिल का उद्देश्य केवल तैयारी की समीक्षा करना है, न कि किसी वास्तविक खतरे को दर्शाना। इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

पृष्ठभूमि: भारत-पाक तनाव का असर

यह मॉक ड्रिल ऐसे समय पर की जा रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम पर है। जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया आत्मघाती हमले और भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई ने दोनों देशों को एक संवेदनशील मोड़ पर ला दिया है। ऐसे में यह अभ्यास न केवल प्रशासनिक रूप से बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा और मानसिक तैयारी के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

विशेषज्ञों की राय

सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि इस तरह की मॉक ड्रिल जनसुरक्षा और प्रशासनिक तत्परता के लिए बेहद जरूरी होती हैं। “आज की वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए किसी भी अनहोनी के लिए तैयार रहना ही सबसे बड़ी सावधानी है,” एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने कहा।

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भारत-पाक तनाव के बीच केंद्र और राज्य सरकार द्वारा की जा रही यह मॉक ड्रिल न केवल युद्ध जैसी परिस्थितियों में लोगों की सुरक्षा और बचाव प्रक्रिया का परीक्षण करेगी, बल्कि जनता को भी संभावित संकट के समय संयम और सतर्कता बरतने का अभ्यास कराएगी। आने वाले समय में ऐसी तैयारियाँ देश को आपदा प्रबंधन के हर मोर्चे पर मज़बूत बनाएंगी।

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