शोपियां, जम्मू-कश्मीर:- जम्मू-कश्मीर की वादियों में एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों ने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों की तस्वीरों वाले पोस्टर जारी किए हैं। ये पोस्टर शोपियां समेत दक्षिण कश्मीर के कई संवेदनशील इलाकों में लगाए गए हैं।
इन पोस्टरों में आतंकियों की स्पष्ट तस्वीरें दी गई हैं और ‘आतंक मुक्त कश्मीर’ का सशक्त संदेश उकेरा गया है। इसके साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि जो कोई भी इन आतंकियों के बारे में पुख्ता और विश्वसनीय जानकारी देगा, उसे 20 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। एजेंसियों ने यह भी भरोसा दिलाया है कि जानकारी देने वाले की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी।
क्या हुआ था पहलगाम में?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस नृशंस हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। इंडिया टुडे ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने 15 से 20 मिनट तक लगातार गोलीबारी की। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों में से दो आपस में पश्तून भाषा में संवाद कर रहे थे, जिससे उनके विदेशी कनेक्शन की संभावना को बल मिला।
एक दिन बाद, 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए थे। अब, इन स्केच को वास्तविक तस्वीरों में तब्दील करते हुए पोस्टर पूरे इलाके में लगाए जा रहे हैं, ताकि जनता की मदद से जल्द से जल्द इन्हें पकड़ा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भारत की कड़ी कार्रवाई
इस बर्बर हमले की दुनिया भर में निंदा हुई। भारत ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए 7-8 मई की दरम्यानी रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया।


भारत ने यह स्पष्ट किया कि यह सैन्य कार्रवाई पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ थी। लेकिन पाकिस्तान ने इसे गलत तरीके से प्रचारित किया और गुस्से में सीमा से लगे भारतीय क्षेत्रों पर हवाई हमले किए। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाकर उन्हें तबाह कर दिया।
युद्धविराम की पहल
इस तगड़े जवाब के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौता हुआ। फिलहाल, सीमाओं पर शांति है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
जनता से अपील
सुरक्षा बलों और प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे आतंकियों की पहचान और गतिविधियों की जानकारी देने में मदद करें। यह कदम न केवल आतंकियों को पकड़ने में मदद करेगा, बल्कि एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण कश्मीर की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
“यदि आप इन आतंकियों के बारे में कुछ जानते हैं, तो यह जानकारी तुरंत साझा करें। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और देश आपका ऋणी रहेगा।” — जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपील
यह भी पढ़ें:- PM मोदी का आदमपुर एयरबेस दौरा: वायुसेना के जवानों से मुलाकात, वीरता और समर्पण को किया सलाम