उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार देर रात भीषण बस हादसा हो गया। बिहार जा रही एक प्राइवेट बस में अचानक आग लग गई। इस हादसे में 5 लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि कई यात्री घायल हो गए। बस में कुल 60 यात्री सवार थे। यह घटना लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के किसान पथ पर हुई।
नींद में थे ज्यादातर यात्री
रात का वक्त था और ज्यादातर यात्री नींद में थे। अचानक बस में धुआं भरने लगा, जिससे यात्री घबरा गए। आग इतनी तेज़ी से फैली कि कुछ ही मिनटों में बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई। अफरा-तफरी के बीच कुछ यात्री किसी तरह खिड़कियों से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन कई लोग बस के अंदर ही फंस गए।
इमरजेंसी एक्जिट बना मौत का जाल
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि ड्राइवर की सीट के पास एक अतिरिक्त सीट फिट कर दी गई थी, जिसकी वजह से इमरजेंसी एक्जिट का रास्ता ब्लॉक हो गया था। इसी कारण कई यात्री समय रहते बाहर नहीं निकल पाए और उनकी जान चली गई। मरने वालों में दो महिलाएं, दो बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं।

घटना के बाद ड्राइवर बस का शीशा तोड़कर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त ड्राइवर बस में ही मौजूद था और आग लगते ही बस से कूदकर भाग निकला। उसकी लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस व फायर ब्रिगेड को खबर दी। दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि, तब तक पूरी बस जल चुकी थी और कुछ लोगों की जान जा चुकी थी। अभी मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है, पुलिस द्वारा प्रयास जारी है।
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शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि फॉरेंसिक जांच के बाद ही की जा सकेगी। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
इस घटना ने यात्री बसों में सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर बस में इमरजेंसी एक्जिट रास्ता साफ होता और ड्राइवर ने सतर्कता दिखाई होती, तो शायद कई लोगों की जान बच सकती थी।