कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ भारतीय सेना का ऑपरेशन लगातार जारी है। हाल ही में पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में स्थित नादिर गांव में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया। सेना की चिनार कोर (15 कोर) द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, मारे गए आतंकियों की पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट्ट के रूप में हुई है। ये तीनों त्राल के ही निवासी थे और लंबे समय से सक्रिय थे।
खुफिया जानकारी के बाद शुरू हुआ ऑपरेशन
सेना को 15 मई को खुफिया सूचना मिली थी कि त्राल में तीन आतंकी छिपे हैं। इसके बाद अवंतिपोरा और त्राल क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया और मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें तीनों आतंकी मारे गए। सेना को संदेह है कि इलाके में और भी आतंकी छिपे हो सकते हैं, इसलिए सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।

यह मुठभेड़ बीते दो दिनों में दूसरा बड़ा ऑपरेशन है। इससे पहले 13 मई को शोपियां जिले में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया गया था। इन कार्रवाइयों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंक के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है।
कौन है चिनार कोर?
भारतीय सेना की कुल सात कमानें हैं, जिनमें से उत्तरी कमान का मुख्यालय उधमपुर में है। श्रीनगर स्थित 15 कोर, जिसे चिनार कोर कहा जाता है, इसी के अंतर्गत आती है। इसका नाम चिनार पेड़ों की अधिकता की वजह से पड़ा है। चिनार कोर घाटी में आतंकवाद रोधी अभियानों की प्रमुख जिम्मेदारी निभाती है।
चिनार कोर में सेना की 19वीं माउंटेन डिवीजन, 28वीं इंफेंट्री डिवीजन, और राष्ट्रीय राइफल्स की दो प्रमुख इकाइयाँ—विक्टर फोर्स और किलो फोर्स शामिल हैं। विक्टर फोर्स दक्षिण कश्मीर के जिलों जैसे अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और बडगाम में सक्रिय है, जबकि किलो फोर्स उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला और श्रीनगर में कार्यरत है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय राइफल्स की अन्य फोर्सेस में रोमियो फोर्स (राजौरी और पुंछ), डेल्टा फोर्स (डोडा) और यूनिफॉर्म फोर्स (उधमपुर से लद्दाख तक) आती हैं।
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त्राल में हुई यह मुठभेड़ सेना की सतर्कता और तेज़ कार्रवाई का उदाहरण है। ऑपरेशन की सफलता से एक बार फिर स्पष्ट हुआ है कि भारतीय सेना कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खात्मे को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चिनार कोर की सक्रियता और सटीक रणनीति ने घाटी में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।