छत्तीसगढ़ राज्य के घने जंगलों में एक बार फिर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई है। नारायणपुर ज़िले के अबुझमाड़ इलाके में चलाए गए एक बड़े ऑपरेशन में कम से कम 31 नक्सलियों को मार गिराया गया है। मारे गए नक्सलियों में कई बड़े नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
अधिकारियों का दावा है कि इस मुठभेड़ में नक्सल कमांडर नंबाला केशव राव उर्फ़ बसव राज भी मारा गया है। बसव राज भारत में माओवादी नेटवर्क का एक बड़ा चेहरा था और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
जानकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों को पक्की सूचना मिली थी कि अबुझमाड़ इलाके में एक सीनियर माओवादी लीडर छिपा हुआ है। इसी सूचना के आधार पर नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव — इन चार ज़िलों की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) की संयुक्त टीम ने बड़ा ऑपरेशन शुरू किया।
जैसे ही सुरक्षाबलों ने इलाक़े को घेरा, नक्सलियों ने गोलाबारी शुरू कर दी। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को घेर कर मार गिराया। मुठभेड़ अब भी जारी है, और इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया गया है।
अबुझमाड़ एक दुर्गम और घना जंगल इलाका है जो नारायणपुर के अलावा बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली तक फैला हुआ है। यही वजह है कि यह इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया को बताया कि मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली चेहरे मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि “यह छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है।”
इंडिया टुडे की रिपोर्टर सुमी राजप्पन के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने टॉप माओवादी नेताओं को चारों तरफ से घेर रखा है।

कौन था बसव राज?
नंबाला केशव राव, जिसे लोग बसव राज या गगन्ना के नाम से भी जानते हैं, भारत के सबसे ख़तरनाक माओवादी नेताओं में से एक था। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का महासचिव था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।
बसव राज का जन्म आंध्र प्रदेश के जियान्नापेट गांव में हुआ था। वह बचपन में कबड्डी का खिलाड़ी था। बाद में उसने NIT वारंगल से बी.टेक की पढ़ाई पूरी की। लेकिन पढ़ाई के बाद उसने नक्सल आंदोलन का रास्ता चुना और 1970 के दशक में माओवादी विचारधारा से जुड़ गया।
1980 में जब CPI (माओवादी) के पीपुल्स वॉर ग्रुप की स्थापना हुई, तो बसव राज उसमें मुख्य आयोजक था। वह पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन का प्रमुख और पोलित ब्यूरो का सदस्य रहा।
उसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा में कई बड़े हमलों की योजना बनाने का मास्टरमाइंड माना जाता है। नवंबर 2018 में वह CPI (माओवादी) का सुप्रीम कमांडर बन गया।
बड़ा झटका माओवादी नेटवर्क को
अगर बसव राज वाकई मारा गया है, तो यह माओवादी नेटवर्क के लिए बहुत बड़ा झटका है। सुरक्षा बलों को लंबे समय से उसकी तलाश थी।
हालांकि, अभी मुठभेड़ पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सुरक्षा बल पूरे इलाके में तलाशी अभियान चला रहे हैं और मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है।
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छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ इलाके में हुई इस कार्रवाई को हाल के वर्षों की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। टॉप माओवादी लीडर का मारा जाना इस बात का संकेत है कि सुरक्षा बल अब नक्सली नेटवर्क के कोर हिस्से तक पहुंचने लगे हैं।
आने वाले दिनों में इस ऑपरेशन से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।