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रतलाम टोल पर ट्रक ड्राइवर की बेरहमी से पिटाई, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने की कार्रवाई

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक बार फिर अंतरवेलिया टोल प्लाजा विवादों में आ गया है। सोमवार सुबह यहां एक ट्रक ड्राइवर के साथ टोल कर्मचारियों ने फास्टैग को लेकर हुए विवाद में बेरहमी से मारपीट की। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने तीन टोल कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

क्या है मामला?

घटना देवास जिले के पानी गांव निवासी केमर सिंह चौहान के साथ हुई, जो अपने आयशर ट्रक से रतलाम के अंतरवेलिया टोल से गुजर रहे थे। ड्राइवर का कहना है कि उसका फास्टैग मौजूद था, लेकिन स्कैन नहीं हो पाया। इस पर टोल कर्मचारियों ने नकद भुगतान की मांग की।

ड्राइवर ने जब कैश देने से इनकार किया, तो विवाद बढ़ गया और टोलकर्मियों ने लोहे की टॉमी से उसकी पिटाई कर दी। मारपीट की यह घटना पास से गुजर रही एक कार सवार ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

वायरल वीडियो के बाद पुलिस सक्रिय

वीडियो सामने आते ही पुलिस हरकत में आई और पीड़ित ड्राइवर को खोजकर उसकी शिकायत दर्ज की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने परम सिंह सिंगाड़िया, अनिल डामोर और दाउदी भूरिया – तीनों टोल कर्मचारी और निवासी अंतरवेलिया – के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

ड्राइवर की आपबीती

पीड़ित केमर सिंह चौहान ने मीडिया को बताया,

“मैंने टोल पर साफ कहा कि मेरे पास फास्टैग है और नकद नहीं दूंगा, क्योंकि बाद में पैसे कट जाते हैं। लेकिन टोल वाले जबरदस्ती करने लगे और टॉमी से मुझ पर हमला कर दिया। मेरी पीठ और हाथ में काफी चोट आई है। मैं चाहता हूं कि इन पर सख्त कार्रवाई हो।”

टोल प्लाजा पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल

स्थानीय लोगों और वाहन चालकों के अनुसार, अंतरवेलिया टोल पर फास्टैग स्कैनिंग में अक्सर तकनीकी गड़बड़ी होती है। कई बार फास्टैग से राशि कट जाती है लेकिन सिस्टम में अपडेट नहीं होती, जिससे ड्राइवरों को दोबारा नकद देना पड़ता है।

इस वजह से दोहरी वसूली का मामला सामने आता है और विवाद की स्थिति बनती है। यह पहली बार नहीं है जब यहां विवाद हुआ हो – इससे पहले भी टोल स्टाफ पर बदसलूकी और मारपीट के आरोप लग चुके हैं।

प्रशासन से मांग

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने टोल प्लाजा की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं और प्रशासन से मांग की है कि फास्टैग सिस्टम की जांच की जाए और टोल कर्मचारियों के व्यवहार में सुधार लाया जाए।

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अंतरवेलिया टोल पर हुई यह घटना सिस्टम की लापरवाही और कर्मचारियों की मनमानी को उजागर करती है। पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे।

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