Homeबड़ी खबरेBJP विधायक मुनिरत्ना पर गैंगरेप, वायरस इंजेक्शन और धमकी के गंभीर आरोप

BJP विधायक मुनिरत्ना पर गैंगरेप, वायरस इंजेक्शन और धमकी के गंभीर आरोप

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक मुनिरत्ना नायडु के खिलाफ पार्टी की ही एक महिला कार्यकर्ता ने गैंगरेप, जान से मारने की धमकी और खतरनाक वायरस का इंजेक्शन लगाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है, और मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) को सौंपी जाने की संभावना है।

शिकायतकर्ता महिला की उम्र 40 वर्ष है और वह खुद भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता बताई जा रही है। उसने 21 मई को बेंगलुरु के आरएमसी यार्ड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया। दर्ज शिकायत में उसने मुनिरत्ना के अलावा तीन अन्य लोगों — वसंथा, चन्नकेशवा और कमल — के नाम भी लिए हैं।

शिकायत में क्या कहा गया है?

महिला ने आरोप लगाया कि 11 जून 2023 को उसे झूठे मुकदमों में फंसाया गया था और जब वह जेल से बाहर आई, तो वसंथा और कमल नामक दो व्यक्ति उसे मुनिरत्ना की मदद दिलाने के बहाने मथिकेरे स्थित विधायक कार्यालय ले गए।

वहां पहुँचने के बाद, महिला का आरोप है कि मुनिरत्ना, वसंथा और चन्नकेशवा ने मिलकर उसके कपड़े उतारे और गैंगरेप किया। इतना ही नहीं, विधायक ने महिला के बेटे को जान से मारने की धमकी दी। महिला का दावा है कि दुष्कर्म के बाद मुनिरत्ना ने उसके ऊपर पेशाब किया और फिर एक अज्ञात व्यक्ति ने सफेद डिब्बे में से एक इंजेक्शन निकाला और जबरन उसे लगाया गया।

अस्पताल में हुआ बड़ा खुलासा

महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि जनवरी 2024 में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। जब वह इलाज के लिए अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उसके शरीर में लाइलाज वायरस पहुंच चुका है। इसके बाद उसे एहसास हुआ कि यह वायरस संभवतः उसी इंजेक्शन से आया होगा जो आरोपियों ने उसे लगाया था।

इस मानसिक और शारीरिक आघात के चलते महिला ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की, लेकिन समय रहते उसकी जान बचा ली गई। उसके बाद उसने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस और महिला आयोग की कार्रवाई

बेंगलुरु पुलिस ने आरोपी विधायक और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराएं — 376डी (गैंगरेप), 270 (संक्रमण फैलाने की कोशिश), 323 (चोट पहुंचाना), 354, 504, 506 और 509 — के तहत मामला दर्ज कर लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संवेदनशील मामले की जांच विशेष जांच टीम (SIT) को सौंपी जाने की सिफारिश की गई है। यह वही टीम है जो पहले से मुनिरत्ना से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच कर रही है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने भी इस मामले की जांच की है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई है कि मामला केवल यौन शोषण का नहीं, बल्कि किसी संगठित आपराधिक नेटवर्क से भी जुड़ा हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विदेशी फंडिंग या ड्रग नेटवर्क से जुड़ाव की भी संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

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भाजपा विधायक पर लगे इतने गंभीर आरोपों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह मामला न सिर्फ एक महिला की पीड़ा को उजागर करता है, बल्कि सत्ता के गलियारों में बैठे लोगों के दुरुपयोग और संरक्षण के खतरे को भी सामने लाता है। अभी तक भाजपा की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

अब सबकी नजरें पुलिस जांच, SIT की रिपोर्ट और पार्टी की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। पीड़िता को न्याय मिलेगा या यह मामला भी राजनीति की धूल में दब जाएगा, यह आने वाला समय बताएगा।

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